Balswaroop 'Rahi': Sher Manpasand (बालस्वरूप 'राही': श
Balswaroop 'Rahi': Sher Manpasand (बालस्वरूप 'राही': श
Regular price
€42,95 EUR
Regular price
Sale price
€42,95 EUR
Unit price
per
हिन्दी ग़ज़ल के बारे में सोचते ही बालस्वरूप राही का नाम ज़हन में आ जाता है। ग़ज़ल उर्दू शायरी की आबरू है और राही हिन्दी ग़ज़ल की आबरू हैं। उन की हर ग़ज़ल में दिल को छूने वाले ऐसे अशआर मिल जाते हैं जो आपो-आप कंठस्थ भी हो जाते हैं। बुजुर्गों के अनुसार, अच्छी शायरी की सच्ची पहचान व सच्ची शायरी यही है ।
राही साहब से मेरी पहली मुलाकात कम-ओ-बेश चालीस बरस पहले हुई थी। तभी से हम दोस्ताना मरासिम हैं । नब्बे के दशक में हम दोनों ने मिलकर कई यादगार डॉक्यूमेंट्री फ़िल्में बनाईं। फिर बेशुमार 'रेडियो नाटक लिखे, जो बारह भाषाओं में अनूदित होकर आकाशवाणी द्वारा प्रसारित हुए और देश-भर में बड़ी दिलचस्पी से सुने जाते रहे। लेकिन ये सब तो फ़रमाशी कार्यक्रम थे। राही जी से मिलना हो तो ये उन की ग़ज़लों के द्वारा ही संभव है।
Author: Balswaroop Rahi
Publisher: Diamond Books
Published: 01/30/2023
Pages: 178
Binding Type: Hardcover
Weight: 0.83lbs
Size: 8.50h x 5.50w x 0.56d
ISBN: 9789356844629
Language: Hindi
राही साहब से मेरी पहली मुलाकात कम-ओ-बेश चालीस बरस पहले हुई थी। तभी से हम दोस्ताना मरासिम हैं । नब्बे के दशक में हम दोनों ने मिलकर कई यादगार डॉक्यूमेंट्री फ़िल्में बनाईं। फिर बेशुमार 'रेडियो नाटक लिखे, जो बारह भाषाओं में अनूदित होकर आकाशवाणी द्वारा प्रसारित हुए और देश-भर में बड़ी दिलचस्पी से सुने जाते रहे। लेकिन ये सब तो फ़रमाशी कार्यक्रम थे। राही जी से मिलना हो तो ये उन की ग़ज़लों के द्वारा ही संभव है।
Author: Balswaroop Rahi
Publisher: Diamond Books
Published: 01/30/2023
Pages: 178
Binding Type: Hardcover
Weight: 0.83lbs
Size: 8.50h x 5.50w x 0.56d
ISBN: 9789356844629
Language: Hindi
This title is not returnable