Diamond Pocket Books Pvt Ltd
51 Shreshtha Vyangya Rachnayen: Chuppi Ki Chaturai (51 श्रेष्ठ व्यंग्
51 Shreshtha Vyangya Rachnayen: Chuppi Ki Chaturai (51 श्रेष्ठ व्यंग्
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इंद्रजीत का व्यंग्य साहसपूर्ण भी है। व्यंग्य हमेशा सत्ता के खिलाफ लिखा जाता है। यह सत्ता राजनीतिक, धार्मिक, प्रशासनिक, साहित्यिक आदि कोई भी हो सकती है। मठाधीशी और कठमुल्लापन के विरोध में लिखना स्त्री द्वारा क्या पुरुषों द्वारा भी लिखना मुश्किल है। इंद्रजीत ने इन मुद्दों पर बहुत साहस के साथ लिखा है। सिक्ख धर्म से होते हुये भी अपने ही धर्म मे चल रहे कमियों पर बहुत साहस के साथ पंजाबी पत्रिका 'पंजाबी सुमन ' में स्तम्भ लिखती रहीं हैं। हो सकता है इस कारण इंद्रजीत ने कुछ लोगों की नाराजगी भी उठाई हो।
इंद्रजीत कौर की यह तीसरी किताब है। जब वह व्यंग्य विधा में चलना सीख रहीं थीं, तभी से मेरी नजर उनके लेखन पर रही है। बहुत कम लोग हैं जिनमें संभावना दिखती है और देखने की इच्छा होती है कि ये कहाँ तक पहुंचेगी। किसी के विकास - यात्रा का साक्षी होना बहुत सुख देता है। साक्षी होने के अपने दु ख और सुख होते हैं। मैं बहुतों के व्यंग्य लेखन का साक्षी हूँ। अपने लेखन को भी साक्षी भाव से देखता हूँ तथा सुखी और दु खी होता हूँ कि ये लेखन ठीक रहा है और ये नहीं।
Author: Inderjit Kaur
Publisher: Diamond Pocket Books Pvt Ltd
Published: 03/10/2023
Pages: 146
Binding Type: Paperback
Weight: 0.43lbs
Size: 8.50h x 5.50w x 0.34d
ISBN: 9789356845749
Language: Hindi
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